NCERT Syllabus Update 2025 :- भारत की शिक्षा प्रणाली में समय-समय पर बदलाव किए जाते हैं ताकि छात्रों को आधुनिक, प्रासंगिक और संतुलित शिक्षा मिल सके। हाल ही में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसने पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया है।
यह फैसला देशभर के छात्रों, शिक्षकों और शिक्षा-विशेषज्ञों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे कक्षा 6 से 12 तक की किताबों के सिलेबस में बड़े स्तर पर परिवर्तन किए गए हैं। NCERT Syllabus Update 2025
🎯 NCERT Syllabus Update 2025 के इस फैसले का उद्देश्य
एनसीईआरटी का यह बड़ा कदम नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप है।
इसका उद्देश्य है —
शिक्षा को व्यावहारिक और जीवन-आधारित बनाना,
छात्रों का पाठ्य-भार कम करना,
और भारत की संस्कृति, विज्ञान और समसामयिक ज्ञान को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करना।
इस बदलाव के बाद छात्रों को अब पुराने सिलेबस की तुलना में आसान, उपयोगी और नई सोच से जुड़ी जानकारी मिलेगी। NCERT Syllabus Update 2025
📚 क्या-क्या बदला गया है?
एनसीईआरटी ने कई कक्षाओं की किताबों में संशोधन किया है। आइए देखते हैं किन-किन विषयों में बदलाव किए गए हैं —
1. इतिहास (History) में बदलाव
कक्षा 7 और 8 की इतिहास की किताबों से मुगल काल और दिल्ली सल्तनत से जुड़े कुछ अध्याय हटाए गए हैं।
इसके स्थान पर अब भारत की संस्कृति, त्यौहार, तीर्थस्थल, योग और महिला सशक्तिकरण जैसे विषय शामिल किए गए हैं।
कुछ अध्यायों में अब भारतीय योद्धाओं, स्वतंत्रता संग्राम के अनसुने नायकों पर ज्यादा फोकस किया गया है।
2. राजनीति विज्ञान (Political Science) में बदलाव
कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की पुस्तक से गुजरात दंगे, खालिस्तान आंदोलन और आपातकाल से जुड़े कुछ हिस्से हटाए गए हैं।
इसके बदले अब छात्रों को भारतीय संविधान, लोकतंत्र की मजबूती, नागरिक अधिकार और सरकारी नीतियों के आधुनिक रूप के बारे में जानकारी दी जाएगी।
3. सामाजिक विज्ञान (Social Science)
सामाजिक विज्ञान की किताबों में अब ग्रामीण विकास, पंचायत व्यवस्था, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत मिशन और महिला सशक्तिकरण जैसे अध्याय जोड़े गए हैं।
इसमें छात्रों को यह सिखाया जाएगा कि सरकारी योजनाएँ किस तरह समाज को बदल रही हैं।
4. विज्ञान और तकनीक (Science & Technology)
विज्ञान की किताबों में अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), रोबोटिक्स, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे नए विषय जोड़े गए हैं।
छात्रों को प्रयोगों के माध्यम से व्यावहारिक ज्ञान देने पर जोर दिया गया है।
🧠 यह बदलाव क्यों जरूरी था?
एनसीईआरटी के अनुसार, यह बदलाव निम्न कारणों से किए गए हैं —
नई शिक्षा नीति (NEP 2020) का पालन:
शिक्षा नीति 2020 में कहा गया है कि छात्रों को “किताबों के बोझ से मुक्त” किया जाए और शिक्षा को कौशल-आधारित (Skill-Based) बनाया जाए।रटने से समझ की ओर बदलाव:
अब शिक्षा का लक्ष्य केवल परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि जीवन में उपयोगी ज्ञान अर्जित करना होगा।भारतीय संस्कृति और मूल्यों पर ध्यान:
नए सिलेबस में भारत की सभ्यता, संस्कृति, विज्ञान और योग पर अधिक फोकस किया गया है ताकि छात्र अपने देश की जड़ों को समझ सकें।डिजिटल युग की जरूरतें:
अब छात्रों को कंप्यूटर, साइबर सुरक्षा, डिजिटल भुगतान, और ऑनलाइन शिक्षा से जुड़ी जानकारियाँ दी जा रही हैं।छात्रों का मानसिक बोझ कम करना:
कोविड-19 के बाद विद्यार्थियों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ गया था। इसलिए कई लंबे अध्यायों को हटाकर उन्हें आसान और छोटा बनाया गया है। NCERT Syllabus Update 2025
📑 मुख्य फायदे (Benefits of NCERT Syllabus Update 2025)
पढ़ाई अब और आसान और रोचक बनेगी।
पाठ्यक्रम में आधुनिक विषय शामिल होने से छात्रों की सोच बढ़ेगी।
भारतीय संस्कृति और इतिहास के गौरवशाली पहलू सामने आएंगे।
डिजिटल वर्क और टेक्नोलॉजी में छात्रों की पकड़ मजबूत होगी।
रटने के बजाय समझने की प्रवृत्ति बढ़ेगी।
📉 विवाद और आलोचनाएँ
जहाँ एक ओर एनसीईआरटी के इस फैसले की सराहना हुई है, वहीं कुछ शिक्षाविदों और विपक्षी दलों ने इसकी आलोचना भी की है।
उनका कहना है कि इतिहास और राजनीति विज्ञान के कुछ महत्वपूर्ण हिस्से हटाना छात्रों की व्यापक समझ को सीमित कर सकता है।
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इतिहास को पूरी तरह हटाने की बजाय, उसे संतुलित रूप से प्रस्तुत करना चाहिए ताकि विद्यार्थी सभी दृष्टिकोणों से सोच सकें।
🧩 आगे की चुनौतियाँ
शिक्षकों का प्रशिक्षण:
नए सिलेबस को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण देना जरूरी होगा ताकि वे नई जानकारी को प्रभावी ढंग से छात्रों तक पहुँचा सकें।नई किताबों की उपलब्धता:
यह सुनिश्चित करना होगा कि नई किताबें समय पर सभी स्कूलों में पहुँचें, खासकर ग्रामीण इलाकों में।परीक्षा प्रणाली में बदलाव:
यदि सिलेबस बदल गया है, तो परीक्षाओं का प्रारूप भी उसी के अनुसार बदला जाना चाहिए ताकि छात्रों का मूल्यांकन सही तरीके से हो सके।राज्य और केंद्र के बीच समन्वय:
कुछ राज्य अपने अलग बोर्ड चलाते हैं, इसलिए उनके साथ भी तालमेल बनाना जरूरी है। NCERT Syllabus Update 2025
🌟 इस फैसले का छात्रों पर प्रभाव
एनसीईआरटी के इस बड़े फैसले का सबसे अधिक असर छात्रों पर होगा —
अब वे नए जमाने के कौशल (Skills) सीखेंगे, जैसे डिज़ाइन-थिंकिंग, प्रोग्रामिंग, पर्यावरण संरक्षण आदि।
इतिहास और राजनीति जैसे विषयों में उन्हें आधुनिक दृष्टिकोण से सोचने की प्रेरणा मिलेगी।
छात्रों में स्वावलंबन, नवाचार और राष्ट्रीय गर्व की भावना मजबूत होगी। NCERT Syllabus Update 2025
💬 जनता और शिक्षाविदों की राय
कई शिक्षकों ने इसे “भविष्य-उन्मुख कदम” बताया है।
कुछ लोगों का मानना है कि इतिहास के कुछ अध्याय हटाने की बजाय, उनके वैकल्पिक दृष्टिकोण जोड़ना बेहतर होता।
अभिभावक समुदाय ने स्वागत किया है कि अब बच्चों पर “रटने का दबाव” कम होगा और सीखने का आनंद बढ़ेगा।
🧾 भविष्य की दिशा
एनसीईआरटी का यह फैसला शिक्षा जगत में एक नई शुरुआत है। आने वाले वर्षों में:
कक्षा 9 से 12 तक की नई किताबें पूरी तरह नई शिक्षा नीति के अनुसार आएंगी।
डिजिटल शिक्षा सामग्री (e-books, वीडियो lectures) को बढ़ावा दिया जाएगा।
शिक्षा में कौशल, नैतिकता और नवाचार को बराबर महत्व मिलेगा। NCERT Syllabus Update 2025
🏁 निष्कर्ष (Conclusion)
NCERT Syllabus Update 2025 भारत की शिक्षा व्यवस्था को एक नए रूप में ढालने की दिशा में बड़ा कदम है।
यह निर्णय छात्रों के हित में लिया गया है ताकि वे सिर्फ किताबें याद न करें, बल्कि समाज, विज्ञान, इतिहास और तकनीक को गहराई से समझ सकें।
जहाँ कुछ विवाद स्वाभाविक हैं, वहीं यह कदम भारत को नई पीढ़ी की जरूरतों के अनुरूप शिक्षा देने की दिशा में एक मजबूत शुरुआत है।
“शिक्षा में बदलाव ही समाज में बदलाव की कुंजी है — और एनसीईआरटी का यह बड़ा फैसला उसी दिशा में एक निर्णायक कदम है।” NCERT Syllabus Update 2025
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